मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
मापनी 211 211 211 211,
211 211 211 2
साथ न छोड़ रहो नित पास,सदा सुखधाम बने रहना।
मित्र वही नित संग रहे, कर में कर डाल सदा चलना।
खार न राख कभी मितवा,अति प्रेमिल भाव सदा रखना।
तोड़ नहीं प्रिय वंधन को, प्रिय मानक ध्यान सदा रखना।
मित्र सु -नात सदा प्रियदा, सुखदा शुभदा अति दिव्य प्रभा।
मित्र बतावत राह सुगम्य, सुरम्य सुगन्ध अनन्त विभा।
मित्र बड़ा अनमोल रहस्य, अनन्य सुधाम महान सभा।
मित्र समान नहीं जग में, यह संपति देव समान शुभा।
मित्र अपार अथाह समुद्र, सदा मनभावन प्यार करे।
आदरणीय सदा प्रिय वाचन, द्वार खड़ा शिव रूप धरे।
मित्र सुमंत्र सदा हितसेवक,राय-सलाह सु-स्वच्छ भरे।
मित्र सु-पावन ब्रह्म समान, सदा सुखवादिनि राह चरे।।
Renu
23-Jan-2023 06:34 PM
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